यहकिताबकिसीऐसेव्यक्तिसेसंबंधितहैजिसनेकभीअवसाद(डिप्रेशन) महसूसकियाहो।कभी–कभीयहइतनागहरा होजाताहैकिव्यक्ति बाहरनिकलनाचाहे तो भीनहींनिकलपाता है।कभी–कभीहमवहजीतेहैंजोहमनहींजीनाचाहते।मौतकोगलेलगानेऔरगलेलगाकरलौटनेकासफरधरतीऔरचांदकेबीचके सफर की तरहहै।
एकबारडिप्रेशनसेआत्महत्याकीभावनाआजाएतोइसभावनासेनिपटनाकितनाभयानकहोताहै, वो इसकिताबमेंबतायागयाहै। ये वो पहलु हैं जिनपरहमकभीध्याननहींदेनाचाहते।