मैं और सुसाइड

क्यों और कैसे डिप्रेशन हमें खत्म करता है

डॉ संध्या जी-एन

यह किताब किसी ऐसे व्यक्ति से संबंधित है जिसने कभी अवसाद(डिप्रेशनमहसूस किया हो। कभीकभी यह इतना गहरा हो जाता है कि व्यक्ति बाहर निकलना चाहे  तो भी नहीं निकल पाता है। कभीकभी हम वह जीते हैं जो हम नहीं जीना चाहते। मौत को गले लगाने और गले लगाकर लौटने का सफर धरती और चांद के बीच के  सफर की तरह है।

एक बार डिप्रेशन से आत्महत्या की भावना जाए तो इस भावना से निपटना कितना भयानक होता हैवो इस किताब में बताया गया है।  ये वो  पहलु हैं  जिन पर हम कभी ध्यान नहीं देना चाहते।